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भजन संहिता 1, 51, 100 & 150
Psalms 1 • 51 • 100 • 150 - in Hindi (हिन्दी; 印地文)
भजन संहिता 1

सचमुच वह जन धन्य होगा यदि वह दुष्टों की सलाह को न मानें, और यदि वह किसी पापी के जैसा जीवन न जीए और यदि वह उन लोगों की संगति न करे जो परमेश्वर की राह पर नहीं चलते।   वह नेक मनुष्य है जो यहोवा के उपदेशों से प्रीति रखता है। वह तो रात दिन उन उपदेशों का मनन करता है।   इससे वह मनुष्य उस वृक्ष जैसा सुदृढ़ बनता है जिसको जलधार के किनारे रोपा गया है। वह उस वृक्ष समान है, जो उचित समय में फलता और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। वह जो भी करता है सफल ही होता है।   किन्तु दुष्ट जन ऐसे नहीं होते। दुष्ट जन उस भूसे के समान होते हैं जिन्हें पवन का झोका उड़ा ले जाता है।   इसलिए दुष्ट जन न्याय का सामना नहीं कर पायेंगे। सज्जनों की सभा में वे दोषी ठहरेंगे और उन पापियों को छोड़ा नहीं जायेगा।   ऐसा भला क्यों होगा क्योंकि यहोवा सज्जनों की रक्षा करता है और वह दुर्जनों का विनाश करता है।

भजन संहिता 51

हे परमेश्वर, अपनी विशाल प्रेमपूर्ण अपनी करूण से मुझ पर दया कर। मेरे सभी पापों को तू मिटा दे।   हे परमेश्वर, मेरे अपराध मुझसे दूर कर। मेरे पाप धो डाल, और फिर से तू मुझको स्वच्छ बना दे।   मैं जानता हूँ, जो पाप मैंने किया है। मैं अपने पापों को सदा अपने सामने देखता हूँ।   है परमेश्वर, मैंने वही काम किये जिनको तूने बुरा कहा। तू वही है, जिसके विरूद्ध मैंने पाप किये। मैं स्वीकार करता हूँ इन बातों को, ताकि लोग जान जाये कि मैं पापी हूँ और तू न्यायपूर्ण है, तथा तेरे निर्णय निष्पक्ष होते हैं।   मैं पाप से जन्मा, मेरी माता ने मुझको पाप से गर्भ में धारण किया।   हे परमेश्वर, तू चाहता है, हम विश्वासी बनें। और मैं निर्भय हो जाऊँ। इसलिए तू मुझको सच्चे विवेक से रहस्यों की शिक्षा दे।   तू मुझे विधि विधान के साथ, जूफा के पौधे का प्रयोग कर के पवित्र कर। तब तक मुझे तू धो, जब तक मैं हिम से अधिक उज्जवल न हो जाऊँ।   मुझे प्रसन्न बना दे। बता दे मुझे कि कैसे प्रसन्न बनूँ मेरी वे हडिडयाँ जो तूने तोड़ी, फिर आनन्द से भर जायें।   मेरे पापों को मत देख। उन सबको धो डाल।   परमेश्वर, तू मेरा मन पवित्र कर दे। मेरी आत्मा को फिर सुदृढ कर दे।   अपनी पवित्र आत्मा को मुझसे मत दूर हटा, और मुझसे मत छीन।   वह उल्लास जो तुझसे आता है, मुझमें भर जायें। मेरा चित अडिग और तत्पर कर सुरक्षित होने को और तेरा आदेश मानने को।   मैं पापियों को तेरी जीवन विधि सिखाऊँगा, जिससे वे लौट कर तेरे पास आयेंगे।   हे परमेश्वर, तू मुझे हत्या का दोषी कभी मत बनने दें। मेरे परमेश्वर, मेरे उद्धारकर्ता, मुझे गाने दे कि तू कितना उत्तम है   हे मेरे स्वामी, मुझे मेरा मुँह खोलने दे कि मैं तेरे प्रसंसा का गीत गाऊँ।   जो बलियाँ तुझे नहीं भाती सो मुझे चढ़ानी नहीं है। वे बलियाँ तुझे वाँछित तक नहीं हैं।   हे परमेश्वर, मेरी टूटी आत्मा ही तेरे लिए मेरी बलि हैं। हे परमेश्वर, तू एक कुचले और टूटे हृदय से कभी मुख नहीं मोड़ेगा।   हे परमेश्वर, सिय्योन के प्रति दयालु होकर, उत्तम बन। तू यरूशलेम के नगर के परकोटे का निर्माण कर।   तू उत्तम बलियों का और सम्पूर्ण होमबलियों का आनन्द लेगा। लोग फिर से तेरी वेदी पर बैलों की बलियाँ चढ़ायेंगे। भक्ति गीत जब एदोमी दोएग ने शाऊल के पास आकर कहा था, दाऊद अबीमेलेक के घर में है।
 

भजन संहिता 100

हे धरती, तुम यहोवा के लिये गाओ।   आनन्दित रहो जब तुम यहोवा की सेवा करो। प्रसन्न गीतों के साथ यहोवा के सामने आओ।   तुम जान लो कि वह यहोवा ही परमेश्वर है। उसने हमें रचा है और हम उसके भक्त हैं। हम उसकी भेड़ हैं।   धन्यवाद के गीत संग लिये यहोवा के नगर में आओ, गुणगान के गीत संग लिये यहोवा के मन्दिर में आओ। उसका आदर करो और नाम धन्य करो।   यहोवा उत्तम है। उसका प्रेम सदा सर्वदा है। हम उस पर सदा सर्वदा के लिये भरोसा कर सकते हैं!
 

भजन संहिता 150

यहोवा की प्रशंसा करो! परमेश्वर के मन्दिर में उसका गुणगान करो! उसकी जो शक्ति स्वर्ग में है, उसके यशगीत गाओ!   उन बड़े कामों के लिये परमेश्वर की प्रशंसा करो, जिनको वह करता है! उसकी गरिमा समूची के लिये उसका गुणगान करो!   तुरही फूँकते और नरसिंगे बजाते हुए उसकी स्तुति करो! उसका गुणगान वीणा और सारंगी बजाते हुए करो!   परमेश्वर की स्तुति तम्बूरों और नृत्य से करो! उसका यश उन पर जो तार से बजाते हैं और बांसुरी बजाते हुए गाओ!   तुम परमेश्वर का यश झंकारते झाँझे बजाते हुए गाओ! उसकी प्रशंसा करो!   हे जीवों! यहोवा की स्तुति करो! यहोवा की प्रशंसा करो!


Psalms 1 • 51 • 100 • 150
http://www.creationism.org/hindi/saPs1_51_100_hi.htm

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